loan-freepik

होम व वाहन Loan की EMI में बड़ी राहत, SBI समेत कई बैंकों ने घटाईं दरें

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने जून 2025 में रेपो रेट में 0.50% की बड़ी कटौती की है, जिसका प्रभाव तुरंत ही बैंकों द्वारा ग्राहकों को छूट के रूप में वापस देने की रूप में दिखने लगा है।

कौन-कौन से बैंक शामिल ?

State Bank of India (SBI) देश की सबसे बड़ी सार्वजनिक क्षेत्र की बैंक ने घोषणा की कि वह रेपो रेट में कटौती के अनुसार होम और अन्य loan की ब्याज दरों में “up to 50 bps” की कमी करने जा रही है।

Canara Bank & Indian Bank इन दोनों बैंकों ने RLLR (Repo Linked Lending Rate) में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की है। Indian Bank ने होम लोन की ब्याज दर को 8.15% से घटाकर 7.90% किया, जबकि वाहन लोन की दर 8.50% से 8.25% पर पहुँची है।

EMI में कितनी राहत ?

उदाहरण के तौर पर, ₹50 लाख का 20 वर्ष का होम Loan यदि 8% ब्याज दर पर लिया गया था, तो महीनाना EMI ₹41,822 थी। अब ब्याज दर घटकर 7.5% हुई है, तो EMI लगभग ₹40,280 रह जाएगी—प्रति माह लगभग ₹1,542 की बचत होगी और पूरे टेन्योर में ₹3.70 लाख तक की कुल राहत मिलेगी ।

एक अन्य उदाहरण में ₹30 लाख लोन एवं 9% दर से EMI ₹25,092 थी; 8.5% पर EMI घटकर ₹24,170 बनेगी, जिससे लगभग ₹922 प्रति माह की बचत होगी ।

बैंक क्या ऑफर कर रहे हैं ?

Indian Bank ने न केवल ब्याज दरों में कटौती की है, बल्कि प्रोसेसिंग फीस में भी डिस्काउंट और डॉक्यूमेंटेशन चार्ज पूर्णतः मुफ्त की सुविधा भी दी है।

Canara Bank ने होम लोन की नई दर 7.4% तक, और वाहन लोन की ब्याज दर 7.7% तक स्थिर की है, जिससे और भी अधिक EMI में राहत की उम्मीद है

राहत किसे मिली और क्या करें ?

जो ग्राहक फ्लोटिंग-रेट लोन पर हैं जिनका ब्याज दर RBI-लिंक्ड होती है उन्हें सीधा लाभ मिलेगा, क्योंकि ब्याज दर घटेंगे और EMI में कमी आएगी। साथ ही, कुछ ग्राहक अपनी EMI को स्थिर रखकर लोन की अवधि घटाने की राह भी अपना सकते हैं ।

वहीं, MCLR या बेस रेट पर आधारित लोन वाले ग्राहकों को बैंक के किसी भी बदलाव जैसे पुनः सेट (reset) तिथि या नया स्प्रेड की जानकारी रखनी चाहिए ।

रियल एस्टेट वालों को भी मिलेगा फायदा

RBI द्वारा जून 2025 में की गई रेपो रेट कटौती का सकारात्मक असर अब साफ़ दिखाई दे रहा है। SBI, Canara Bank, Indian Bank, PNB, Union Bank जैसे प्रमुख बैंकों द्वारा होम और वाहन लोन की ब्याज दरों में कमी करके ग्राहकों को तुरंत नकद बचत (EMI में मासिक राहत) और लोन अवधि में कटौती जैसा दोहरा लाभ दिया जा रहा है। यह कदम न केवल घरेलू ग्राहकों के लिए फायदेमंद है, बल्कि धीरे-धीरे रियल एस्टेट व वाहन उद्योग को भी संजीवनी प्रदान करेगा।