रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने एक अहम फैसला सुनाते हुए घर खरीदने की सोच रहे लोगों को बड़ी राहत दी है। यह मामला मुंबई के लोढ़ा डेवलपर्स के मुलुंड प्रोजेक्ट से जुड़ा है, जिसमें एक एनआरआई कपल ने 2.27 करोड़ रुपये के फ्लैट की बुकिंग के लिए 7 लाख रुपये जमा किए थे।
बुकिंग के समय सेल्स मैनेजर ने कपल को आश्वासन दिया था कि अगर होम लोन स्वीकृत नहीं हुआ तो पूरी राशि लौटा दी जाएगी। लेकिन जब उनका लोन आवेदन रिजेक्ट हो गया, तो बिल्डर ने रिफंड देने से इंकार कर दिया। इसके बाद कपल ने महाराष्ट्र रेरा (MahaRERA) में शिकायत दर्ज कराई।

लोढ़ा डेवलपर्स ने दलील दी कि बुकिंग फॉर्म के क्लॉज 3.5 के तहत यदि ग्राहक बुकिंग रद्द करता है तो फ्लैट की कुल कीमत का 10 प्रतिशत तक अमाउंट जब्त किया जा सकता है। वहीं, कपल ने यह भी स्पष्ट किया था कि फ्लैट खरीद होम लोन की मंजूरी पर निर्भर है।
10 जून 2025 को सुनाए गए फैसले में MahaRERA ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच कोई औपचारिक सेल एग्रीमेंट नहीं हुआ था। ऐसे में बुकिंग अमाउंट जब्त करने का प्रावधान “एकतरफा, अनुचित और अवैध” है। रेरा ने बिल्डर को बिना ब्याज के 6.65 लाख रुपये 15 जुलाई 2025 तक लौटाने और कानूनी खर्च के लिए 20,000 रुपये अलग से देने का आदेश दिया।
यदि राशि तय समय तक नहीं लौटाई गई, तो 16 जुलाई 2025 से SBI की उच्चतम MCLR दर पर 2 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज देना होगा। इस फैसले को रियल एस्टेट खरीदारों के हित में एक बड़ी जीत माना जा रहा है।