A sub-surface atomic test is shown March 23, 1955 at the Nevada Test Site near Yucca Flats, Nev. The explosion is the seventh in the Operation Teapot series. (U.S. Atomic Energy Commission via AP)

परमाणु हथियार कहां छिपाता है अमेरिका? जानिए किन देशों में तैनात कर रखे हैं अपने ‘न्यूक्लियर बम’

जब भी दो देशों के बीच युद्ध की स्थिति बनती है या सैन्य तनाव बढ़ता है, तो परमाणु हथियारों का जिक्र ज़रूर सुनने को मिलता है। चाहे भारत-पाकिस्तान का तनाव रहा हो या ईरान-इज़राइल के बीच की जंग, हर बार न्यूक्लियर बम की धमकी चर्चाओं में होती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका ने अपने परमाणु हथियार कहां रखे हैं?

क्यों दूसरे देशों में छिपाए जाते हैं परमाणु हथियार?

अमेरिका के पास दुनिया में दूसरे सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं, पहले नंबर पर रूस आता है। अमेरिका के पास लगभग 5200 न्यूक्लियर वॉरहेड्स हैं। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि अमेरिका ने सारे हथियार अपने देश में ही नहीं रखे हैं, बल्कि कुछ हथियार विदेशों में भी छिपा रखे हैं।

ऐसा करने के पीछे एक मकसद ये होता है कि युद्ध की स्थिति में तुरंत जवाब दिया जा सके, इसके साथ ही ऐसा करने से दुश्मन देशों पर दबाव बनता है वहीं सहयोगी देशों को सुरक्षा का भरोसा भी मिलता है।

‘न्यूक्लियर होस्टिंग कंट्रीज’?

जिन देशों में कोई परमाणु शक्ति संपन्न देश अपने हथियार तैनात करता है, उन्हें Nuclear Hosting Countries कहा जाता है। अमेरिका ने अपने न्यूक्लियर हथियारों को नाटो (NATO) के सहयोग से कई यूरोपीय देशों में तैनात किया है।

अमेरिका ने किन देशों में छिपाए हैं परमाणु बम?

नाटो के न्यूक्लियर शेयरिंग प्रोग्राम के तहत अमेरिका ने अपने हथियार इन देशों में तैनात किए हैं।

  • जर्मनी
  • नीदरलैंड
  • इटली
  • बेल्जियम
  • तुर्किए

इन देशों में मौजूद अमेरिकी एयरबेस पर परमाणु हथियार रखे गए हैं। हालांकि, इनका पूरा नियंत्रण अमेरिका के पास ही रहता है। स्थानीय सरकारें या सेनाएं बिना अमेरिका के आदेश के इनका प्रयोग नहीं कर सकतीं हैं।

इससे पता चलता है कि दुनिया के बड़े देश परमाणु हथियारों पर निर्भर हैं। अमेरिका ने अपने परमाणु हथियारों को रणनीतिक रूप से कुछ खास देशों में छिपाकर रखा है। यह न केवल उसकी सैन्य ताकत को बढ़ाता है, बल्कि वैश्विक राजनीति में उसकी स्थिति को और भी प्रभावशाली बनाता है।