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दिल्ली में 2000 स्मार्ट क्लासरूम लॉन्च, शिक्षा में तकनीकी बदलाव की नई शुरुआत

दिल्ली सरकार ने अपने सरकारी स्कूलों में 2000 स्मार्ट क्लासरूम शुरू करने की बड़ी पहल की है। इस कदम का मकसद है “बच्चों को बेहतर और आधुनिक शिक्षा के साधन उपलब्ध कराना” ताकि वे टेक्नोलॉजी के साथ आगे बढ़ सकें।

7000 स्मार्ट क्लासरूम तक ले जाने की योजना

इस योजना के तहत, हर स्मार्ट क्लासरूम में इंटरएक्टिव डिजिटल बोर्ड, कंप्यूटर, प्रोजेक्टर, और इंटरनेट कनेक्शन जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। इससे पढ़ाई और समझने की प्रक्रिया रोचक और आसान हो जाएगी। पहले चरण में 2000 क्लासरूम तैयार किए जा रहे हैं, लेकिन भविष्य में इसे बढ़ाकर 7000 स्मार्ट क्लासरूम तक ले जाने की योजना है।

बच्चों के लिए एक नई दुनिया खोलेंगे

दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने बताया कि ये क्लासरूम बच्चों के लिए एक नई सीखने की दुनिया खोलेंगे। अब छात्र केवल किताबों से नहीं, बल्कि वीडियो, एनिमेशन और अन्य डिजिटल टूल्स से भी पढ़ाई कर पाएंगे। इससे उन्हें विषयों को समझने में आसानी होगी और उनका ध्यान भी पढ़ाई में ज्यादा लगेगा।

सरकार ने तय किया ₹100 करोड़ का बजट

सरकार ने इस योजना के लिए लगभग ₹100 करोड़ रुपए का बजट तय किया है। इसके साथ ही, शिक्षक भी इस तकनीक के इस्तेमाल की ट्रेनिंग ले रहे हैं ताकि वे बच्चों को सही तरीके से पढ़ा सकें।

डिजिटल बोर्ड पर पढाई हुई आसान

कुछ स्कूलों में पहले से ही स्मार्ट क्लासरूम चल रहे हैं, जहाँ बच्चों ने बताया कि डिजिटल बोर्ड पर पढ़ना उन्हें बहुत अच्छा लगता है। एक छात्रा ने कहा, “पहले सिर्फ ब्लैकबोर्ड पर पढ़ाई होती थी, अब वीडियो देखकर आसानी से समझ आता है।”

कई स्कूलों में है शिक्षकों की कमी

हालांकि, इस योजना के सामने कुछ चुनौतियाँ भी हैं। अभी कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी है और कुछ स्कूलों में तकनीकी सुविधाओं को ठीक से चलाने में दिक्कत आती है। लेकिन सरकार का कहना है कि आने वाले समय में इन सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।

दिल्ली के स्कूलों में शिक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम

2000 स्मार्ट क्लासरूम की यह शुरुआत दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे बच्चों को आधुनिक शिक्षा मिलेगी और वे भविष्य के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो सकेंगे। यदि यह योजना सफल रही, तो आने वाले सालों में देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक आदर्श बन सकती है।